Saturday 13 January 2018

डॉक्टरों ने कर दिखाया चमत्कार, 400 ग्राम की बच्ची को मिली जिंदगी



कई बार प्रैग्नेंसी के दौरान एेसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं कि बच्चे की प्रीमैच्योर डिलीवरी करवानी पड़ती हैं। प्रीमैच्चोर बेबी की खास केयर करने की जरूरत होती हैं क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं होता। कई मामलों में तो प्रीमैच्चोर बच्चे जान भी चली जाती है लेकिन अब साइंस ने काफी तरक्की कर ली हैं। हाल में ही दक्षिणी एशिया की अब तक की सबसे छोटी और कम वजनी (400 ग्राम) की नन्हीं सी जान को जीवित बचाकर नया करिश्मा कर दिखाया है।

दरअसल, कोटा के रहने वाले एक कपल को शादी के 35 साल बाद मां-बाप बनने का सुख मिला। प्रैग्नेंसी में प्रॉब्लम होने की वजह से 15 जून 2017 को महिला ने सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए नन्ही-सी बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन सिर्फ 400 ग्राम था और लम्बाई 8.6 इंच। बच्ची सही तरह से सांस भी नहीं ले पा रही थी। इसी वजह से उसे उदयपुर के नवजात शिशु गहन चिकित्सा में शिफ्ट कर दिया गया, वहां बच्ची का इलाज शुरू किया गया। 

210 दिन बाद इस बच्ची का वजन 2.4 किलो हो गया है। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है। उदयपुर के डॉक्टर्स ने इस मासूम की जान बचाकर इतिहास रच डाला है।

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